महामारी फैलने या उसके फैलने की आशंका की स्थिति में जुमा और जमाअत की नमाज़ में उपस्थित होने का हुक्म
महामारी फैलने या उसके फैलने की आशंका की स्थिति में जुमा और जमाअत की नमाज़ में उपस्थित होने का हुक्म प्रश्न : महामारी फैलने या उसके फैलने की आशंका की स्थिति में जुमा (जुमुआ) और जमाअत की नमाज़ में उपस्थित न होने के बारे में रुख़्सत (छूट) का क्या हुक्म है ॽ उत्तर : हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है। सऊदी अरब राज्य में वरिष्ठ विद्वानों की परिषद ने दिनांक 16/7/1441 हिजरी को अपना निर्णय संख्या (246) जारी किया, जिसका मूलपाठ निम्नलिखित है : हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान सर्व संसार के पालनहार अल्लाह के लिए है, तथा अल्लाह की दया और शांति अवतरित हो हमारे पैगंबर मुहम्मद और उनके परिवार और साथियों पर। इसके बाद : वरिष्ठ विद्वानों की परिषद ने बुधवार, 16/7/1441 हिजरी को रियाद में आयोजित अपने चौबीसवें विशेष सत्र में, महामारी फैलने या उसके फैलने की आशंका की स्थिति में जुमा और जमाअत की नमाज़ में उपस्थित न होने की रुख़्सत से संबंधित प्रस्तुत किए गए मुद्दे के बारे में विचार किया। इस्लामी शरीयत के मूलपाठों, उसके उद्देश्यों और नियमों तथा इस मामले के बारे में विद